Rajput Shayari – Rajput Shayari In Hindi
Rajput Shayari is a priceless treasure that reflects the courage, honor, and dignity of the Rajput community. Known for their bravery and valor, Rajputs have a history deeply rooted in battles and wars. However, their purpose was not merely to conquer, but to protect their families, lands, and their honor. Rajput Shayari beautifully encapsulates these heroic tales, which continue to inspire people today, stirring a sense of pride, passion, and courage.
The words in Rajput Shayari often represent the unique spirit of the Rajput community. It expresses not only their valor but also their deep love for their land, their unwavering pride, and their unbreakable sense of self-respect. Lines like “The name of a Rajput echoes in every battle” vividly illustrate the essence of Rajput bravery and the pride they carry in their identity.
Another key aspect of Rajput Shayari is its reflection on values, dignity, and the respect for traditions. This poetry is not just about celebrating victories in war, but also about the grace and honor a Rajput maintains in their life. These verses emphasize that integrity, virtue, and respect for one’s roots are as important as physical strength.
Today, Rajput Shayari continues to serve as a source of inspiration, igniting courage and confidence in the hearts of people. It teaches us the importance of preserving our honor, dignity, and values, no matter the challenges faced. Ultimately, Rajput Shayari is not just an art form but a testament to a way of life—a way that defends honor above all, ensuring that the legacy of valor and respect is passed on to future generations.
1.
जंग की बात हो या इज्जत का मामला,
राजपूत की जान, दोनों में है समंदर का साफ,
ख़ुदा का नाम हो या अपने बाप का,
राजपूत के रखवाले हमेशा यही, हर जंग जीतना है हमारा साफ।
2.
हमारी तलवार की चाल में जो ताकत है,
वो किसी के भी दिल में डर को जगाने की बात है।
राजपूत का रंग कभी न मुड़े,
अपनी मज़हब, इज्जत, और जान पहचानने की बात है।
3.
दिलों में जुनून और आँखों में आग है,
राजपूत का हर फैसला एक जंग के आस-पास है।
जो ख़ौफ़ से खेलते हैं, वो कभी जीत नहीं पाते,
राजपूत कभी किसी से डर के नहीं रहते।
4.
छुपाना नहीं, अपने शौर्य का रंग,
राजपूत का नाम ही है जिंदगी की जंग।
ज़िंदगी हो या मौत का सामना,
हमारे लिए हर कदम है सिर्फ जीत का रंग।
5.
जिसे दोस्ती से प्यार हो, वैसा राजपूत हो,
वह लड़ाई के मैदान में, कभी न पीछे हो।
जिसे शौर्य का जुनून हो, वह कभी न भूलता है,
हर कदम पर जीत, वह हमेशा जीत लेता है।
6.
राजपूत का जो रंग है, वह कभी न धुंधता है,
जिसे तलवार की चमक हो, वह कभी न रुकता है।
शाही विरासत से हमारा जिंदा है फैसला,
राजपूत अपने इलाके में कभी न झुकता है।
7.
ज़मीन से आसमान तक का सफर हमारा है,
जहाँ भी हो, अपना गौरव हमारा है।
राजपूत की तलवार है दुश्मन के लिए आखिरी ख़ौफ़,
हमारे नाम से, उन्हें हो जाता है मौत का राज।
8.
रक्स हम करते नहीं, हम जंग में खिलते हैं,
राजपूत की हर चाल में छुपी है मौत की मय्यत।
अगर जीना है, तो उनको हमारे रंग में रंगना होगा,
राजपूत की आँखों में वो ताकत है, जो दुश्मन से डर खाता है।
9.
राजपूत का दिल सिर्फ अपने मज़हब और वतन के लिए धड़कता है,
जो बात कभी न समझ पाये, वह सिर्फ समझ के पास है।
अगर अपने दोस्तों की जान को काम से उठाना हो,
राजपूत उनकी मांग को कभी न कमजोर होने देता है।
10.
जंग में जो रहे वीर, वही राजपूत का रंग है,
उनके लिए हर लड़ाई अपनी ही जंग है।
राजपूत के समंदर को कभी न समझो,
उनका जुनून है तूफान, जो न दिखाए जाता है।
11.
खुशबू खुद भी महकाता है,
राजपूत की चाल को कभी न भूल पाता है।
जंग के मैदान में सिर्फ उनका नाम है,
मिट्टी की भी कभी न समझ हो, वह समझ जाता है।
12.
दिल से हम कभी न कभी किसी को भूल जाते हैं,
राजपूत की ताकत में हम खुद को रोशन करते हैं।
जो समझे के वह कभी न जीत सकते हो,
राजपूत उनके रास्ते में कभी न रुकता हो।
13.
राजपूत का नाम जैसे ताकत का एक हिस्सा है,
हमारी तलवार की चमक में कभी कोई शर्म नहीं हो सकती है।
जंग के मैदान में कभी न हार जाना,
राजपूत के इस रंग में कभी न कुछ बदलने का।
14.
शाहदूम की तलाश में भी हम कभी नहीं रुकते,
अपने आप के जहाज़ में कभी नहीं पीछे होते।
राजपूत जो भी हाथ में उठाए वह ताकत हो,
हर लड़ाई में उनके रंग हमेशा जीत हो।
15.
राजपूत की तलवार कभी न थकती है,
जंग के मैदान में कभी न फिर से थकने की बात है।
अगर अपनी जान हो तो कभी न भूलना है,
राजपूत की तलवार से कभी न कभी कहां पता है।
16.
राजपूत की तलवार से कभी न कोई घबराए,
अगर हमारे नाम का वो मायाजाल, तो कभी न हो जाए।
जंग के मैदान में कभी न आज तक जीत,
राजपूत का रंग हमेशा खुद से साफ छुप जाता है।
17.
जंग के मैदान में कभी न हम पीछे,
राजपूत का नाम कभी न आज तक किसी पर कुछ।